कुछ इस तरह से भारत ने किया SuperSonic मिसाइल का परीक्षण, चौंका पाक
नई दिल्ली। देश ने बीते दिनों इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल स्वदेशी रूप से विकसित की गई है। यह सुपरसोनिक मिसाइल कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलेस्टिक मिसाल को बीच में मार गिराने में सक्षम है। सुपरसोनिक इंटरसेप्टर का यह इस साल तीसरा परीक्षण था जिसमें देश सफल हुआ। इस परीक्षण में सामने से आ रही धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्व निशाना बनाकर नष्ट किया गया। इससे पहले 11 फरवरी और1 मार्च को दो अन्य परीक्षण किए गए थे। यह परीक्षण बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा है। भारत की ओर से यह परीक्षण करने के बाद पाकिस्तान की मीडिया में भी हलचल शुरू हो गई। तमाम टीवी चैनलों पर बहसों के दौरान यह प्रमुख मुद्दा रहा। पाक, भारत के इस कदम से चौंका गया है।
एक बार सिस्टम शुरू हो जाए तो...
एक बार सिस्टम शुरू हो जाए तो, भारत में एक उन्नत प्रणाली होगी जो हमें पाकिस्तान के मध्यम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों से बचा सकती है। यह बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली सबसे महत्वपूर्ण और तकनीकी रूप से जटिल स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं में से एक है।
कुछ इस तरह हुआ ऑपरेशन
इस परीक्षण के दौरान मिसाइल को सक्रिय करने से पहले जमीन आधारित रडारों की एक श्रृंखला द्वारा मिसाइल की ओर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की दिशा में निर्देशित किया गया, जिससे मिसाइल नष्ट हो गई। इसे बुलेट से बुलेट मारने के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
भारत चौथा देश
भारत अब इस तरह की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया में चौथा देश हो गया है। इसके पहले यह क्षमता अमेरिका, रूस और इजरायल के पास ही थी। इसकी मदद से डिफेंस सिस्टम इस प्रणाली के तहत दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही पहचान कर उन्हें एंटी बैलिस्टिक मिसाइल से दागकर नष्ट कर दिया जाएगा।
रॉकेट प्रॉपेल गाइडेड मिसाइल
पाकिस्तान से परमाणु हमले के खतरे को देखते हुए इस मल्टी लेयर्ड बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बनाने का कार्य शुरू हुआ है, इसमें 40 निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां शामिल हुईं हैं। इस मिसाइल को डिफेंस रिचर्स एंड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की ओर से बनाया गया है। मिसाइल की लंबाई 7.5 मीटर है और ये सिंगल स्टेज रॉकेट प्रॉपेल गाइडेड मिसाइल है।
एक बार सिस्टम शुरू हो जाए तो...
एक बार सिस्टम शुरू हो जाए तो, भारत में एक उन्नत प्रणाली होगी जो हमें पाकिस्तान के मध्यम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों से बचा सकती है। यह बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली सबसे महत्वपूर्ण और तकनीकी रूप से जटिल स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं में से एक है।
कुछ इस तरह हुआ ऑपरेशन
इस परीक्षण के दौरान मिसाइल को सक्रिय करने से पहले जमीन आधारित रडारों की एक श्रृंखला द्वारा मिसाइल की ओर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की दिशा में निर्देशित किया गया, जिससे मिसाइल नष्ट हो गई। इसे बुलेट से बुलेट मारने के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
भारत चौथा देश
भारत अब इस तरह की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया में चौथा देश हो गया है। इसके पहले यह क्षमता अमेरिका, रूस और इजरायल के पास ही थी। इसकी मदद से डिफेंस सिस्टम इस प्रणाली के तहत दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइलों को हवा में ही पहचान कर उन्हें एंटी बैलिस्टिक मिसाइल से दागकर नष्ट कर दिया जाएगा।
रॉकेट प्रॉपेल गाइडेड मिसाइल
पाकिस्तान से परमाणु हमले के खतरे को देखते हुए इस मल्टी लेयर्ड बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बनाने का कार्य शुरू हुआ है, इसमें 40 निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां शामिल हुईं हैं। इस मिसाइल को डिफेंस रिचर्स एंड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की ओर से बनाया गया है। मिसाइल की लंबाई 7.5 मीटर है और ये सिंगल स्टेज रॉकेट प्रॉपेल गाइडेड मिसाइल है।
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